द्रुकपा वार्षिक सम्मेलन 29 अगस्त से लेह-लद्दाख में
-विशेष प्रतिनिधि
नई दिल्ली। बौद्ध धर्म के एक अहम पंथ द्रुकपा के अनुयायियों का 5वां वार्षिक सम्मेलन 29 अगस्त से 5 सितंबर तक लेह-लद्दाख स्थित हेमिस मठ में धूमधाम से मनाया जाएगा। समारोह में भारत, तिब्बत, भूटान, नेपाल तथा अन्य देशों के द्रुकपा अनुयायी, संत तथा प्रतिनिधि शामिल होंगे। माना जा रहा है कि द्रुकपा पंथ का लद्दाख में आयोजित होने वाला ये आखिरी समागम होगा।
द्रुकपा संप्रदाय यों तो 800 साल पुराना है और विश्वभर में इसके अनुयायी फैले हुए हैं, लेकिन भारत में द्रुकपा भिक्षु और उनके कार्य द्रुकपा धर्मगुरु ग्यालवांग द्रुकपा की वजह से अधिक लोकप्रिय हुआ। महिला भिक्षुकों के उत्थान, पर्यावरण जागरूकता और विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए गए कार्यों ने द्रुकपा संप्रदाय और बौद्ध धर्म के प्रसार में महती भूमिका निभाई है। ग्यालवांग द्रुकपा ने भारत भ्रमण के जरिए पर्यावरण जागरूकता और शांति का संदेश दिया और द्रुकपाओं को अधिक गौरव दिलाया।
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अगस्त से आयोजित 5वें वार्षिक सम्मेलन में दुनियाभर के द्रुकपा अपने धर्मगुरु की उपस्थिति में लेह स्थित हेमिस मठ में एकत्र होंगे। हेमिस मठ लद्दाख का सबसे बड़ा मठ है। इस वार्षिक सम्मेलन कि अध्यक्षता युवा संत क्याबजे ठुक्से रिम्पोचे करेंगे। मुख्य समारोह 1 सितंबर को हेमिस मठ में आयोजित होगा। इसी दौरान लेह में एक बड़ा नेत्र परीक्षण शिविर भी लगाया जाएगा। इस शिविर में प्रसिद्ध नेत्र सर्जन डॉक्टर संदुक रूईत आधुनिक तकनीक से मोतियाबिंद के ऑपरेशन भी करेंगे। लेह के हेमिस मठ में होने वाले इस समागम का सभी द्रुकपा अनुयायी और बौद्ध धर्म के समर्थक उत्सुकता से इंतजार कर रहे हैं।